विधान परिषद चुनाव से पहले सपा ने बसपा के लिए 1 सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने वाली थी. इस तरह से अखिलेश ने मायावती को राज्यसभा चुनाव में हार के दर्द को भूलने का एक मौका दिया है.

वैसे आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के समय बसपा ने दोनों एमएलसी सीटों पर सपा को समर्थन की बात कही थी. पर उस वक्त के चुनावी समीकरण, बसपा पर भारी पड़े और उसे करारी हार मिली. अब सपा ने फैसला किया है कि वो एमएलसी की 1 सीट बसपा के लिए छोड़ेगी, जिसे अखिलेश का मायावती के लिए रिटर्न गिफ्ट माना जा रहा है.

बसपा को अब 1 एमएलसी सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा खुद करनी है.  इससे पहले सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने नरमी के संकेत देते हुए बसपा-सपा के साथ को पसंद किया था. इस तरह से सपा ने 2019 में बीजेपी को बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश है. दरअसल राज्यसभा में बसपा  प्रत्याशी की हार के बाद अटकलों का बाजार गर्म था कि कहीं सपा-बसपा की इस दोस्ती में दरार ना पड़ जाए पर अखिलेश ने ऐसा होने नहीं दिया.
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