2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में समाजवादी पार्टी ने भी अपनी ताकत झोंक दी है. प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ बन रहे गठबंधन को लेकर सीटों के बंटवारे और जमीनी दावेदारी पर तो पार्टी गौर कर ही रही है. इस बीच सड़क पर जनाधार मजबूत करने के लिए पार्टी ने 'साइकिल से संसद फतेह' का प्लान तैयार किया है. रणनीति ये है कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हर महीने प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस सैकड़ों किलोमीटर साइकिल अभियान की अगुवाई करेंगे.

वैसे पिछले महीने से ही पार्टी अपनी साइकिल यात्राओं का अभियान शुरू कर चुकी है. पहले चरण में इलाहाबाद से एक रैली प्रदेश की राजधानी में सपा मुख्यालय तक आ चुकी है. इसके बाद दूसरे चरण में बलिया से लोकतंत्र बचाओ समग्र क्रांति साइकिल यात्रा भी लखनऊ पहुंच चुकी है. खुद अखिलेश यादव ने रविवार को जनेश्वर मित्र की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बलिया से निकली साइकिल यात्रा का लखनऊ में स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वह भी हर महीने लंबी साइकिल यात्रा पर निकलेंगे.

'2012 में अखिलेश यादव ने साइकिल चलाकर ही यूपी में मायावती को दी थी मात'

दरअसल समाजवादी पार्टी के लिए अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा राजनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है. पार्टी के नेताओं के अनुसार 2012 विधानसभा चुनाव से अखिलेश यादव ने लगभग 10 हजार किमी की साइकिल यात्रा का नेतृत्व किया था. इस दौरान वह पार्टी के इस चुनाव चिह्न को लेकर कार्यकर्ता प्रदेश में लगभग सभी स्थानों तक पहुंचे थे. पार्टी का मानना है कि ये अखिलेश की ही साइकिल यात्रा की देन थी कि 2012 में उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार को हराकर समाजवादी पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत की सरकार बनाई ​थी.
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