पश्चिमी यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच खोले जाने की सुगबुगाहट और लखनऊ पीठ के क्षेत्राधिकार में तीन मण्डल बढ़ाये जाने की आ रही खबरों के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की बेंच खोले जाने का विरोध कर रहे हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट से सुभाष चौराहे तक जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया. हाईकोर्ट बार एशोसिएसन के आह्वान पर एक दिवसीय हड़ताल पर गए अधिवक्ताओं ने केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के उस बयान पर कड़ा एतराज जाताया है.

जिसमें उन्होंने पश्चिमी यूपी के मेरठ या गाजियाबाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के लिए सहमति व्यक्त की थी. हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने एक प्रदेश एक हाईकोर्ट का नारा देते हुए कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई बेंच स्थापित करने और इसके क्षेत्राधिकार में कमी किए जाने पर बोलते हुए कहा कि ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने कहा है कि हाईकोर्ट की नई बेंच खोले जाने से भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा.

पश्चिमी यूपी में बेंच खोले जाने और लखनऊ पीठ में तीन मंडल बरेली, कानपुर और मुरादाबाद बढ़ाये जाने का विरोध कर रहे हाईकोर्ट बार एशोसिएसन के अध्यक्ष आई.के.चतुर्वेदी ने अपनी मांग को लेकर केन्द्रीय कानून मंत्री और पीएम से भी मुलाकात की बात कही है. उन्होंने कहा है कि अगर उसके बाद भी हाईकोर्ट की नई बेंच की स्थापना की जाती है तो अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल को बाध्य होंगे.

वहीं अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों को भरे जाने और वादकारियों के रहने के लिए आश्रय स्थल बनाये जाने के साथ ही इलाहाबाद के लिए नई ट्रेनों की भी मांग की है. हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की हड़ताल से हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकी. जिससे वादकारियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी.
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