उन्नाव कांड में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने और बांगरमऊ विधायक विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके समर्थकों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. उन्नाव जेल में पीड़िता के पिता की मौत की भी जांच सीबीआई को सौंपी गई है. मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में अधिकारीयों पर भी गाज गिरी है. उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर सस्पेंड किए गए है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. उन्नाव जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है. इन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. इसके अलावा सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किए गए हैं.

शासन ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिए हैं. दरअसल, शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से में मामले में रिपोर्ट रिपोर्ट तलब की थी. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने ये बड़ा फैसला लिया.

इससे पहले विधायक बुधवार रात 11:30 बजे समर्थकों के साथ एसएसपी की गैर मौजूदगी में एसएसपी कैंप ऑफिस पहुंचे. वहां मीडियाकर्मियों पर भड़क उठे. करीब 20 मिनट हंगामे के बाद वह लौट गए. मीडियाकर्मियों से हाथापाई कर रहे उनके समर्थकों को हजरतगंज पुलिस ने लाठी फटकार कर खदेड़ा. सेंगर ने सरेंडर करने की बात पर कहा, “आप (मीडिया) जहां कहो वहीं चलें. आपके चैनल पर चलकर बैठें. मैं चैनल के साथियों के कहने से यहां आया हूं. चैनल के साथी जहां कहेंगे वहां चलूंगा. नमस्ते.”

हालांकि, अभी तक विधायक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है लेकिन मामले की एसआईटी रिपोर्ट में विधायक को आरोपी बताया गया है.


मामले में गठित एसआईटी की जांच में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मारपीट की साजिश रचने का आरोपी बताया गया है. वहीं विधायक के भाई अतुल सिंह को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट में दोषी पाया गया है.

एडीजी जोन राजीव कृष्ण के नेतृत्व में गठित इस टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में विधायक और रेप पीड़िता के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश की भी बात सामने आई है. एसआईटी ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच का भी सुझाव दिया है और उन्नाव पुलिस को भी मामले में दोषी माना है. रिपोर्ट में वहां की एसपी पुष्पांजलि को हटाने की संस्तुति की बात भी की जा रही है और पुलिस अफसरों पर कदम-कदम पर लापरवाही बरतने का जिक्र किया गया है.

बता दें घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की थी. इसके मद्देनजर डीजीपी ने एसआईटी गठित कर उन्नाव भेजा था. यह टीम बुधवार को उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र में स्थित पीड़िता के घर पहुंची. वहां दो घंटे से भी ज्यादा समय तक पीड़िता व उसके परिवारीजनों से बात की. विधायक पक्ष के भी पांच लोगों से पूछताछ की गई. एसआईटी ने उन्नाव के डीएम व एसपी से अलग से मीटिंग कर जानकारी ली गई.
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