लखनऊ। मिशन- 2019 की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने आपरेशन संगठन आरंभ किया है। बढ़ती अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने एवं पार्टी की सक्रियता बढ़ाने को प्रदेश संगठन का पुनर्गठन किया जाना है। इसकी शुरुआत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय से संबंधित तीन इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। मीडिया विभाग के साथ संगठन, वित्त और प्रशासनिक कार्य विभाग से संबद्ध पदाधिकारियों को हटा दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष के नजदीकी नेताओं की अचानक छुुट्टी किए जाने से कार्यकर्ताओं में बेचैनी है।
अब पुराना ढर्रा नहीं चलेगा
राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन के अगले ही दिन संगठन में बड़ी कार्रवाई करके नेतृत्व ने जता दिया कि पार्टी में अब पुराना ढर्रा नहीं चलेगा। सूत्रों का कहना है कि संगठन विभाग को लेकर दिल्ली तक लगातार शिकायतें पहुंच रही थी। नगरीय निकाय चुनाव के साथ उपचुनावों में भी संगठन विभाग पदाधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठे थे। टिकटों के बंटवारे को आरोप प्रत्यारोप में प्रदेश अध्यक्ष की छवि भी प्रभावित हुई। पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में समन्वय बनाने का कार्य ठीक से नहीं कर पाने की शिकायतें राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंच रही थी। प्रशासन और वित्त विभाग के कामकाज को लेकर खुद प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी संतुष्ट नहीं थे।
बयानबाजों पर सख्ती
मीडिया विभाग में बढ़ती अराजकता को लेकर प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके थे। आंतरिक खींचतान के चलते मीडिया विभाग के प्रभारी पद से पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी को हटाया गया था। टीवी चैनलों पर बयान देने के लिए अधिकृत न होने के बावजूद खुद को पार्टी प्रवक्ता बता कर बयान देने वालों की कारनामों से त्रस्त राजबब्बर कई बार चेतावनी भी दे चुके थे। बुधवार को मीडिया विभाग तत्काल प्रभाव से भंग करने के साथ ही बयानबाज नेताओं पर अंकुश लगाने के लिए अलग से पत्र भी लिखा गया है। सूत्रों का कहना है कि टीवी चैनलों पर चेहरा चमकाने वाले नेताओं को चिह्नित करके उनके कारनामों का ब्योरा जुटाने के बाद ही कार्रवाई की गई।
बयान को निजी राय माना जाए
प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने मीडिया विभाग को न केवल भंग किया वरन सभी पदाधिकारियों द्वारा बयान देने पर भी रोक लगा दी है। पिं्रट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के संपादकों को पत्र भेजकर कहा है कि संगठन का पुनर्गठन होने तक कांग्रेस का कोई पदाधिकारी कोई बयान देता है तो उसे उसकी निजी राय माना जाएगा। कांग्रेस से ऐसे बयानबाजों का कोई लेना देना नहीं होगा। समाचार चैनल पर खुद को प्रवक्ता बताकर कोई कांग्रेसी शामिल होता है तो उसको अधिकृत नहीं माना जाएगा।
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