उत्तर प्रदेश की जनता की समस्याएं सुनने और मामलों का तेजी से निपटारे के लिए सूबे की योगी सरकार एक और कदम बढ़ाने जा रही है. सरकार जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में एक मिनी 'सचिवालय' बनाने जा रही है. इसके पीछे सरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता की समस्याएं तेजी से दूर की जाएं.
गौरतलब है अभी लखनऊ के एनेक्सी में पांचवीं मंजिल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय है और गोरखपुर में प्रस्तावित मिनी सचिवालय निर्माण के बाद वर्ष के अंत में सूबे में दो सचिवालय वजूद में आ जाएगा. बताया जाता है गोरखपुर में तारा मंडल के सर्किट हाउस के पास मिनी सचिवालय निर्माण भी शुरू हो चुका है.
दिसंबर में बनकर तैयार होगा मिनी 'सचिवालय'
बातचीत में गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि 15 करोड़ की लागत से बनने वाला मिनी 'सचिवालय' को पीडब्लूडी विभाग बना रहा है. उन्होंने बताया कि दिसंबर में मिनी एनेक्सी बनकर तैयार हो जाएगा.
मिनी एनेक्सी के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए डीएम पांडियन ने बताया कि दो मंजिला भवन में मीटिंग हाल, गेस्ट हाउस, कॉन्फ्रेंस हाल के साथ हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. सरकार से जुड़े अधिकारियों के लिए अलग से कक्ष भी बनाया जा रहा है. वहीं जिले से लेकर प्रदेश लेवल की बैठक करने के लिए एक विशाल हाल का निर्माण कराया जा रहा है.
के.विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों की समस्याओं की सुनवाई और मामले में तत्काल कार्रवाई के लिए गोरखपुर को मिनी सीएम ऑफिस बनाने के लिए चुना है.
खुद सीएम योगी करेंगे निगरानी
इस मिनी सीएम कार्यालय में एक सीनियर अधिकारी बैठेगा, जो सीधे लखनऊ से सीएम ऑफिस के संपर्क में रहेगा. यह अधिकारी जनता की समस्याओं को सुनेगा और उस पर तत्काल कार्रवाई करेगा. इस अधिकारी के पास इतने अधिकार होंगे कि वह जनता की समस्या जिस जिले की होगी उस जिले के अधिकारी को फॉरवर्ड करेगा. इसके बाद वह अधिकारी जनता की समस्या को सीधे जिले के डीएम या फिर एसएसपी को रेफर कर सकता है. इस अधिकारी के पास ऐसे अधिकार होंगे कि वह सीधे लखनऊ में भी रिपोर्ट कर सकता है. मिनी सीएमओ पर सीधी नजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर भी रहेगी.
जनता सीधे कर सकेंगी सीएम से संवाद
गोरखपुर में मिनी 'सचिवालय' बनाने के पीछे योगी सरकार का मकसद यह भी है कि पूर्वांचल की जनता की समस्याओं की सुनवाई बेहतर तरीके से हो सके. सीएम खुद भी मानते हैं कि कल तक जो जनता उन तक सीधे गोरखपुर में मिलकर अपनी समस्याएं रखती थी, अब ना तो जनता के लिए ऐसा मुमकिन है और ना ही सीएम के लिए ये संभव है. लिहाजा वह जनता जो अपनी समस्याएं लेकर सीधे लखनऊ में सीएम दरबार में नहीं पहुंच सकती वो गोरखपुर के मिनी सीएम ऑफिस में पहुंच सकती है.और अपनी समस्याओं को भी रख सकती है.
मंदिर में लगता है जनता दरबार
अभी भी सैकड़ों की संख्या में गरीब लोग अपनी समस्याओं को लेकर गोरखनाथ मंदिर पहुंचते है, जो लखनऊ नहीं जा पाते. चूंकि मंदिर से सीधे सीएम आफिस को समस्याएं नहीं भेजी जा सकती लिहाजा दिसंबर के बाद अब जनता सीधे गोरखपुर में बने नवनिर्मित मिनी सीएम दफ्तर पहुंचकर अपनी समस्या रख सकेंगे.
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