बीजेपी के दलित प्रेम की पोल खोलने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दलित बाहुल्य गांवों में चौपाल लगाएगी. इस चौपाल में बीजेपी सरकार द्वारा दलित विरोधी किए गए कार्यों की जानकारी दी जाएगी. इस चौपाल में जिला कोऑर्डिनेटर के साथ क्षेत्रीय बसपा नेता शामिल होंगे. चौपाल कार्यक्रम की शुरुआत अगले महीने से होगी.
बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में बीजेपी ग्राम स्वराज अभियान चला रही है, जिसके तहत मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम, मंत्री, सांसद और विधायक गांवों में चौपाल लगाने से लेकर दलित के घर खाना खा रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब बसपा सुप्रीमो ने भी तैयारी शुरू कर दी है. मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने पार्टी से युवाओं को जोड़ने का भी निर्देश दिया है. दरअसल, बसपा लोकसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा करना चाहती है. इसके लिए जोनल प्रभारियों को काम पर लगाया गया है.
दरअसल, बसपा का मानना है है कि दलितों को सही मायने में वही सम्मान दिला सकती है. मुख्यमंत्री ने प्रतापगढ़ के पट्टी गांव में दलित के घर खाना खाया था. जिसे मायवती ने नाटक करार दिया था. सूत्रों का कहना है कि अब मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे दलित बस्तियों में चौपाल लगाएं. इसमें क्षेत्रीय कोऑर्डिनेटर के साथ नेता भी शामिल हों.
बसपा के चौपालों में एक ओर जहां बीजेपी सरकार द्वारा किए गए दलित विरोधी कार्यों की जानकारी दी जाएगी. दूसरी ओर बसपा सरकार में हुए दलित हितों के लिए किए गए कार्यों को बताया जाएगा. बसपा का मानना है कि चौपाल के माध्यम से वह बीजेपी के झूठे दलित प्रेम का पर्दाफाश कर सकेगी.
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