समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को योगी सरकार पर तंज किया है. अखिलेश ने ट्वीट कर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना पर चल रही राजनीति पर सरकार को घेरा है. हालांकि जिन्ना मुद्दे पर अखिलेश ने कुछ नहीं लिखा है. अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है कि हर जगह दिखावे की सक्रियता दिखानेवाली प्रदेश की ‘एनकाउंटर-सरकार’ एएमयू में क्यों नहीं सक्रिय हो रही है. जहां छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का माहौल बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हम एक बार नहीं सौ बार कहेंगे कि शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, ये युवाओं के भविष्य का सवाल है.
बता दें एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को लेकर रार थमने का नाम नहीं ले रही है. सबसे पहले बीजेपी के सांसद ने इस तस्वीर का मुद्दा उठाया और एएमयू प्रशासन को पत्र लिखकर तस्वीर का कारण पूछा. इसके बाद से सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हुआ. इसमें बीजेपी के युवा नेता भी कूद पड़े. वहीं एएमयू में इस मामले पर लगातार प्रदर्शन जारी है.
इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फिलहाल सभी परीक्षाएं 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं. एएमयू स्टूडेंट यूनियन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में स्टूडेंट धरने पर बैठे हुए हैं. उधर यूनिवर्सिटी से कुछ ही दूरी पर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी रविवार को एक रैली निकालने की कोशिश करते नज़र आए. अलीगढ़ से दिल्ली तक आते-आते ये पूरी बहस मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर उतरवाने वालों और उसे नहीं उतरना चाहिए वालों में बंट जाती है. जबकि सच ये है कि एएमयू प्रशासन और स्टूडेंट यूनियन ने एक बार भी ये बात नहीं कही है कि वो तस्वीर नहीं हटाना चाहते.
एएमयू स्टूडेंट यूनियन के सचिव फहद भी इस बारे में सपष्ट बात करते हैं. फहद कहते हैं कि किसी के भी यूनिवर्सिटी गेट पर आकर चिल्लाने से एएमयू में कुछ नहीं बदल दिया जाएगा. सरकार को तस्वीर हटवानी है तो लिखकर दे. फहद कहते हैं कि तस्वीर 1938 से लगी हुई है क्योंकि उस हॉल में उन सभी लोगों की तस्वीर लगी है जिन्हें यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई थी. जिन्ना कभी भी एएमयू स्टूडेंट्स के आदर्श नहीं रहे हमारे आदर्श सर सैयद हैं और रहेंगे.
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