योगगुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि ने ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित 1500 करोड़ रुपये के मेगा फूड पार्क को उत्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट करने का ऐलान किया है. पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को ट्विटर पर यह जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया.

बालकृष्ण ने ट्वीट किया कि मेगा फूड पार्क की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी थी लेकिन मंगलवार को उन्हें इस प्रोजेक्ट को निरस्त किए जाने की सूचना मिली. उन्होंने आगे लिखा कि प्रदेश के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का सपना राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से अधूरा रह गया.

इसके बाद उन्होंने लिखा कि पतंजलि ने मेगा फूड पार्क के प्रोजेक्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फैसला किया है. पतंजलि के इस फैसले को योगी सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि फूड पार्क बनने से यूपी में रोजगार के नए अवसर बनने की उम्मीद थी.

क्यों रद्द हुआ मेगा फू़ड पार्क का प्रोजेक्ट?

उत्तर प्रदेश के मथुरा, मिर्जापुर और ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क बनाने का प्रस्ताव था. उत्तर प्रदेश सरकार ने तय समयसीमा में सभी मानदंडों को पूरा नहीं किया. न ही इन पार्कों के लिए जमीन उपलब्ध कराई गई. बताया जा रहा है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को इन फूड पार्कों को वापस लेने का नोटिस दे दिया है. तीनों जगहों पर जमीन की उपलब्धता को लेकर संशय बरकरार है, एक मेगा फूड पार्क के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है.

बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद ने नवंबर 2016 में उत्‍तर प्रदेश सरकार के साथ राज्‍य में 2000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी. इसमें यमुना एक्‍सप्रेस-वे पर 450 एकड़ में फूड पार्क की स्‍थापना भी शामिल है. इस फूड पार्क पर 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना था. अखिलेश सरकार ने नवंबर में ही पतंजलि आयुर्वेद के इस प्रोजेक्‍ट को अपनी मंजूरी दे दी थी.
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