उन्नाव रेप केस में सीबीआई को जांच करते करीब एक महीने से भी ज्यादा हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार सीबीआई के पास इस बात के 'ठोस सबूत' हैं, जिससे ये कहा जा सके कि पुलिस बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ मिलकर काम कर रही थी.

बीजेपी विधायक का कहना था कि इस मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है. सीबीआई इस मामले में चार्जशीट फाइल करने ही वाली है. हालांकि सीबीआई ने एक स्टेटमेंट में कहा कि उन्होंने इस मामले में कोई भी बयान नहीं दिया है. सारी बातें पूरी तरह से अनुमान पर आधारित हैं.

कॉल रिकॉर्ड्स बताते हैं कि माखी पुलिस स्टेशन पर तैनात एसएचओ और लोकल सर्किल ऑफीसर सहित विधायक की फोन पर कई बार बात हुई. सूत्रों के अनुसार, जब निलंबित किए गए अधिकारियों और विधायक से पूछताछ की गई तो वो इसका कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए.

ये फोन कॉल उस समय किए गए थे जब कथित तौर पर पीड़िता का अपहरण किया गया था और जिस दौरान चलती कार में उसका रेप किया गया था. ये बातें इस बात को पुख्ता करने के लिए काफी है कि आरोपी इस केस को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे ताकि उनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत दर्ज न हो सके.


सूत्रों के अनुसार 4 जून से 12 जून के बीच हुई घटनाओं का जिस तरह से पीड़िता ने ज़िक्र किया था वो सारी ठीक लग रही हैं और इसकी सारी बातें एक-दूसरे से मेल खाती हैं. दूसरी ओर सेंगर और उसके सहयोगी किसी भी बात का ठीक-ठीक उत्तर नहीं दे पाए. लेकिन पीड़िता मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने बयान पर लगातार कायम रही है.

अभी तक की मिली जानकारियों के आधार पर जांच से पता चला है कि नौकरी का झांसा देकर विधायक के सहयोगी शशि सिंह द्वारा पीड़िता को विधायक के घर पर 4 जून को लाया गया और विधायक ने पीड़िता का रेप किया. सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी इस मामले में आरोपी का नार्को टेस्ट भी करा सकती है.
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