गौतम बुद्ध नगर पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है. जिसके बाद साफ़ हो गया है कि पुलिस के सिपाही से लेकर आला अफसर तक बिके हुए हैं. अवैध वसूली के पैसों का बंदरबांट कैसे होता है? किस तरह से एनकाउंटर मैनेज होते हैं? किसका कितना हिस्सा है? इन सब का खुलासा एक सिपाही ने डीजीपी ऑफिस को भेजे व्हाट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट से किया है. जिसके बाद से गौतमबुद्धनगर पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है. जिसके बाद एसएसपी ने 16 लोगों की एसओजी टीम को लाइन हाजिर कर दिया.

दरअसल, पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब अवैध पैसों के बंटवारे को लेकर दो सिपाहियों में जमकर लात-घूसे चले. जिसके बाद एसओजी के कांस्टेबल ने डीजीपी को अवैध उगाही की पूरी लिस्ट भेज दी. डीजीपी के पास लिस्ट पहुंचने के बाद जिला पुलिस में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में एसएसपी गौतम बुद्ध नगर डॉ अजय पाल शर्मा ने जिले की एसओजी टीम को लाइन हाजिर कर दिया. साथ ही आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश भी दे दिए गए.


एसओजी के कॉस्टेबल ने डीजीपी ऑफिस को अवैध वसूली का जो काला चिट्ठा भेज है उसमें नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक सरिया, सीमेंट और होटल मालिकों से मोटा पैसा वसूलने की रेट लिस्ट शामिल है. यही नहीं, इस लिस्ट में ये भी दिया गया है कि कितना पैसा किसे मिला और कहां खर्च हुआ.

इतना ही नहीं, लिस्ट के मुताबिक पिछले दिनों हुए श्रवण नाम के बदमाश के एनकाउंटर को मैनेज करने का रेट भी लिखा है. जिसके बाद एनकाउंटर पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. भेजी गई रेट लिस्ट में लिखा है कि 50 हजार उसे दिए गए हैं जिसने श्रवण वाला काम करवाया है. अभी उसे 50 हजार और देने हैं. इस रेट लिस्ट की मानें तो श्रवण एनकाउंटर को 1 लाख में फिक्स किया गया था.
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