उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का शनिवार को आखिरी दिन होगा. साल 2000 में कन्नौज से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 17 साल बाद ऐसा होगा जब वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे. 5 मई को उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश की विधानसभा में खत्म हो रहा है. इसके बाद अब अखिलेश यादव एक आम राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह हो जाएंगे.
अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि 2019 में वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे यानी अगले 1 साल तक अखिलेश किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेंगे. 2019 में वो पत्नी डिंपल की सीट से वह चुनाव लड़ेंगे.
बता दें कि अखिलेश सहित 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. इनमें अखिलेश यादव के करीबी राजेंद्र चौधरी, सुनील कुमार चित्तौड़, एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम, मधु गुप्ता, उमर अली खान, चौधरी मुस्ताक, राम सकल गुर्जर, डॉ. विजय प्रताप, डॉ. विजय यादव, डॉ. महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा शामिल हैं.
अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि 2019 में वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे यानी अगले 1 साल तक अखिलेश किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेंगे. 2019 में वो पत्नी डिंपल की सीट से वह चुनाव लड़ेंगे.
बता दें कि अखिलेश सहित 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. इनमें अखिलेश यादव के करीबी राजेंद्र चौधरी, सुनील कुमार चित्तौड़, एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम, मधु गुप्ता, उमर अली खान, चौधरी मुस्ताक, राम सकल गुर्जर, डॉ. विजय प्रताप, डॉ. विजय यादव, डॉ. महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा शामिल हैं.
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