जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए जघन्य वारदात के तार पश्चिम उत्तर प्रदेश से भी जुड़ गए हैं. जम्मू कश्मीर स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने खुलासा किया कि मासूम के साथ पहले गैंगरेप हुआ और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. पता चला है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध वेस्ट यूपी के एक कॉलेज में बीएससी एग्रीकल्चर फर्स्ट ईयर के एक छात्र को एक अन्य आरोपी ने फोन करके जम्मू बुलाया. आरोप है कि उसने भी इस मासूम के साथ बलात्कार किया. एसआईटी की टीम ने मेरठ के सीसीएसयू रजिस्ट्रार से भी इस बावत सहयोग मांगा था.

जम्मू-कश्मीर एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि जिन आरोपी छात्रों को पुलिस ने पकड़ा है. उन्होंने ही ये गैंगरेप और कत्ल किया है. खुद को बचाने के लिए आरोपियों ने मेरठ में कॉपी बदलने वाले गिरोह की मदद से बाद में कॉपियां बदलवाई और फर्जी सबूत जुटाए थे. ऐसे में जम्मू एसआईटी अब कविराज गिरोह और उसके सभी साथियों को आरोपी बनाने जा रही है. इसी क्रम में एसआईटी ने कविराज गिरोह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की सभी कॉपी ले ली हैं.

पता चला है कि जम्मू कश्मीर निवासी चार छात्र मुजफ्फरनगर के आकांक्षा कॉलेज में बीएससी एग्रीकल्चर में प्रथम वर्ष के छात्र हैं. इन छात्रों पर आरोप है कि इन्होंने कठुआ के रासान में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी थी. इस मामले में जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम का गठन किया गया. एसआईटी ने जांच शुरू की तो आरोपी छात्रों ने बताया कि वारदात के समय वो मुजफ्फरनगर में थे और परीक्षा दे रहे थे.

एसआईटी ने मेरठ-मुजफ्फरनगर में अपनी छानबीन शुरू की. पता चला कि आरोपियों की परीक्षा 12, 15 और 17 जनवरी को हुई थी और परीक्षा सेंटर खतौली के केके जैन कालेज में था. 23 मार्च को एसआईटी मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी पहुंची थी. इन सभी चारों छात्रों की 12, 15 और 17 जनवरी को हुई परीक्षा की कॉपियां यूनिवर्सिटी से मांगी गई, ताकि हैंडराइटिंग का मिलान हो सके. फोरेंसिक जांच में ये पुष्टि हुई कि हैंडराइटिंग आरोपी छात्रों की ही है. ऐसे में शक बढ़ा तो पूछताछ की गई.


यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव कहते हैं कि जम्मू कश्मीर से एसआईटी टीम उनके पास आई थी. टीम में दो लोग थे. ये हत्या के केस के संबंध में आए थे. ये जांच कर रहे थे कि आकांक्षा कॉलेज के कुछ बच्चों ने जैन कॉलेज में परीक्षा दी है या नहीं. मामले में सीसीटीवी, फॉर्म में राइटिंग आदि की मांग की. हमने उनकी मांगी सूचनाओं को उपलब्ध करा दिया है. चारों छात्रा आकांक्षा कॉलेज के बताए जा रहे हैं, इन पर पुलिस को हत्या मामले में संदेह है.

एसआईटी ने मुजफ्फरनगर में खतौली के परीक्षा केंद्र के जैन कॉलेज में पहुंचकर रिकार्ड खंगाला और पूछताछ की. इसके बाद ये पता किया गया कि आरोपी छात्रों ने क्या परीक्षा दी थी. छानबीन में ये पुष्टि हो गई कि जिन आरोपी छात्रों को लेकर एसआईटी पड़ताल कर रही है, उनके एडमिट कार्ड के फोटो साफ नहीं थे. ऐसे में एसआईटी ने कालेज से लेकर परीक्षा केंद्र और यूनिवर्सिटी तक के तार जोड़ने शुरू किए.

खुलासा हुआ कि आरोपियों ने अपनी जगह पर परीक्षा देने के लिए फर्जी छात्रों को बैठाया था. खुद चारों छात्र जम्मू में थे और वहां रेप व हत्या की वारदात अंजाम दी. आरोपी चारों छात्रों ने खुद को बचाने के लिए बड़ी साजिश रची. उन्होंने किसी छात्र के माध्यम से कविराज से संपर्क किया. कविराज रकम लेकर कालेज के छात्रों की कॉपियां बदलवाने का बड़ा गिरोह चलाता था. बड़ी रकम देकर कविराज से परीक्षा कापियां लीं. इन कॉपियों को भरने के बाद आरोपी छात्रों ने कविराज को दिया. कविराज ने अपने साथियों के साथ मिलकर कश्मीरी छात्रों की कॉपियां बदलवा दी थी. इस घटना को लेकर मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों में ख़ासा रोष है.

जम्मू एसआईटी ने आरोपी छात्रों की कॉपियों की फोरेंसिक जांच कराई तो आरोपियों की हैंडराइटिंग परीक्षा कॉपियों की हैंडराइटिंग से मिलान कर गई. कविराज को मेरठ एसटीएफ ने कुछ सप्ताह पूर्व ही एमबीबीएस परीक्षा की कॉपियां बदलवाने के आरोप में पकड़ा था. आरोपी से मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज के दो छात्रों की कॉपियां भी बरामद हुई थीं. विवि में उत्तर पुस्तिका अनुभाग से आरोपी कविराज के तीन साथियों को भी पकड़ा था, जो विवि के कर्मचारी थे. जम्मू एसआईटी ने अब कविराज और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की कॉपी मेडिकल पुलिस से हासिल की है। कविराज और उसके साथियों को बच्चे के रेप और हत्या वाले केस में साक्ष्य मिटाने और साजिश का आरोपी बनाने की तैयारी कर ली गई है.
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