सपा-बसपा की गहरी होती दोस्ती के बीच 14 अप्रैल को ऐसा मौका आएगा जब दोनों पार्टियों को एक-दूसरे के और करीब आने का मौका मिलेगा. बता दें कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्मदिवस है. समाजवादी पार्टी ने अपने सभी जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों को पत्र लिखकर कहा है कि 14 अप्रैल को आंबेडकर दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाए और बाबा साहेब के जीवन पर प्रकाश डाला जाए.

माना जा रहा है कि जिले स्तर पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के जरिए निचले स्तर पर सपा और बसपा काडर के बीच मेल-मिलाप करवाया जाएगा.

दरअसल, समाजवादी पार्टी और बसपा में नजदीकी आने के बाद अब दोनों पार्टियों की नजर मिशन 2019 पर है. दोनों पार्टियों के लिए यह पहला मौका होगा जब कार्यकर्ताओं के बीच बाबा साहेब के बहाने ही सही, लेकिन सकारात्मक संदेश दिया जा सके. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खुद 14 अप्रैल को पहले हजरतगंज की अंबेडकर प्रतिमा पर जाएंगे और फिर सपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.

हालांकि दोनों पार्टियां पहले ही कह चुकी है कि वो सियासी तौर पर किसी का मंच साझा नहीं करेगी, लेकिन साथ ही दोनों पार्टियां यह मैसेज देने की कोशिश कर रही है कि जमीनी स्तर पर सबकुछ ठीक है. हर साल 14 अप्रैल आम तौर से खास नहीं होता है, लेकिन यूपी की सियासत की नजर से इस साल सपा और बसपा एक दूसरे को सहयोग देते हुए नजर आएंगे.

सियासी जानकार मानते हैं कि 2019 को दिमाग में रखकर सपा और बसपा जो रणनीति बना रहे हैं उससे यही संदेश देना चाह रहे हैं कि दोनों के रिश्ते पहले से बेहतर हुए हैं. निचले स्तर पर वोटरों को यह संदेश देना भी जरुरी है कि सपा और बसपा के बीच बर्फ गल चुकी है तभी दोनों पार्टियों की बात बनेगी.
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