नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी आसाराम बापू प्रकरण में बुधवार को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. फैसले के मद्देनजर शाहजहांपुर निवासी पीड़िता और गवाह की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही आसाराम के रुद्रपुर स्थित आश्रम में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मंगलवार को पीड़िता के घर सीसीटीवी कैमरे के साथ सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. मंगलवार को कोतवाली इंस्पेक्टर और सीओ पल-पल की जानकारी लेते रहे. पीड़िता के पिता ने उम्मीद जताई है कि पान्ह्क साल की लंबी लड़ाई के बाद उन्हें न्याय मिलेगा.

रामचंद्र मिशन क्षेत्र के गांव रुद्रपुर स्थित आसाराम आश्रम में भी पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है. अस्राम के समर्थकों पर भी पुलिस के ख़ुफ़िया तंत्र ने नजरें गड़ा दी हैं. आश्रम एम् आने जाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है. सुरक्षा बल के साथ डायल 100 की गाड़ी भी तैनात की गई है.

शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक के. बी. सिंह ने बताया कि पीड़िता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है. आसाराम के शाहजहांपुर स्थित रुद्रपुर आश्रम पर भी नजर रखी जा रही हैं.

क्या है मामला?


शाहजहांपुर की रहने वाली नाबालिग बेटी का आरोप है कि आसाराम ने 13 अगस्त 2013 की रात जोधपुर आश्रम में उसके साथ रेप किया. इसके बाद 21 अगस्त 2013 को जोधपुर के महिला थाने में विधिवत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू हुई.

31 अगस्त 2013 को काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने आसाराम को मद्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया. 1 सितम्बर 2013 को जोधपुर लाया गया. 2 सितम्बर 2013 से ही न्यायिक हिरासत में हैं. 13 फ़रवरी 2014 को कोर्ट में आरोप तय हुआ. 16 दिसम्बर 2016 से विशेष कोर्ट में केस शुरू हुआ. 7 अप्रैल 2018 को मामले में बहस पूरी हुई और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.
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