उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गुरुवार को हुए सड़क हादसे में घायल नौ साल के बच्चे ने कहा कि वह चालक से कह रहे थे कि अंकल वैन रोक दो, लेकिन उसने उनकी बात नहीं सुनी क्योंकि वह फोन पर बात कर रहा था.

घायल नौ साल के छात्र कृष्णा वर्मा ने बताया, 'हम सब बच्चे चिल्ला रहे थे और ड्राइवर अंकल से कह रहे थे कि वैन रोक दो लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह फोन पर व्यस्त थे और हम लोगों की आवाज उन्हें सुनाई ही नहीं दे रही थी.'

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा गणेश कुमार ने बताया कि कृष्णा के पैर में चोट है और वह खतरे से बाहर है लेकिन अन्य तीन घायल बच्चों की हालत काफी गंभीर है. वैन के ड्राइवर की हालत भी काफी गंभीर है. उसके शरीर में कई फ्रैक्चर होने के साथ ही उसके सिर में गंभीर चोट आई है.

गौरतलब है कि गुरुवार को कुशीनगर के पास दुदुही में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन और ट्रेन की टक्कर में 13 स्कूली बच्चों की मौत हो गई. वहीं चार बच्चे और चालक ​जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं.


जिले की मिसरौली गांव की ग्राम प्रधान किरन देवी के घर मातम पसरा हुआ है. ट्रेन-स्कूल वैन दुर्घटना में उनके तीन बच्चों की मौत हो गई. बच्चों की मां किरन लगातार रो रही है जबकि पिता अमरजीत इस गहरे सदमे की वजह से पूरी तरह से खामोश हैं. बच्चों के दादा हरिहर प्रसाद घर की दीवार पर टंगी तस्वीर को देखते हुए बताते हैं कि ये उनके पौत्र रवि (12), संतोष (10) और पौत्री रागिनी (7) की तस्वीरें है लेकिन अब परिवार इन बच्चों को फोटो में ही देख पाएगा क्योंकि यह तीनों अब हम लोगों से बहुत दूर जा चुके है.

उन्होंने कहा कि अब हम उन्हें कभी देख नही पाएंगे. वे आज स्कूल जाने को तैयार नहीं थे लेकिन वह हमें हमेशा के लिए छोड़कर चले गए. बतरौली गांव का रहने वाला हरिओम एलकेजी का छात्र था. उसके पिता अमर सिंह एक किसान हैं और वह उनका इकलौता बेटा था.  गुरुवार की दुर्घटना में हरिओम की भी मौत हो गई.
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