भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार विधान परिषद चुनाव के बहाने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बागियों को रिटर्न गिफ्ट दे ही दिया. पार्टी ने रविवार को जारी विधानपरिषद चुनाव के प्रत्याशियों की सूची में 10 में से 4 नाम सपा और बसपा छोड़कर आए नेताओं के शामिल किए हैं. समाजवादी पार्टी से बीजेपी पहुंचे सरोजनी अग्रवाल, बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह के अलावा बसपा से आए जयवीर सिंह का नाम शामिल है. ये सभी विधान परिषद सदस्य थे. उस समय इन इस्तीफों से बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्य व दिनेश शर्मा के साथ मंत्री मोहसिन रजा के लिए विधानपरिषद की राहें आसान हुई थीं.

समाजवादी पार्टी से एमएलसी बुक्कल नवाब ने पार्टी से इस्तीफा देने की शुरुआत की थी. उनके अलावा एमएलसी यशवंत सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था.  इसके बाद बसपा के एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दिया और बीजेपी के पाले में आ गए थे.

सरोजनी अग्रवाल को आजम खान का करीबी माना जाता था, लेकिन पिछले साल उन्होंने सपा को चौंकाते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था. कहा जाता है कि आजम खान ने ही उन्हें एमएलसी बनवाया था, जबकि अखिलेश सरकार में मंत्री रहे मेरठ के ही शाहिद मंजूर सरोजनी के एमएलसी बनाए जाने के खिलाफ थे. लेकिन आजम की जिद पर उन्हें एमएलसी बनाया गया था.

इस्तीफे के बाद बुक्कल नवाब ने कहा था कि पिछले एक साल से मुझे बहुत घुटन महसूस हो रही थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी को समाजवादी अखाड़ा बताया. साथ ही अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह अपने पिता के साथ नहीं है, तो वह किसके साथ हो सकते हैं.
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