मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर कहा कि अकबर महान नहीं थे. महान महाराणा प्रताप थे, क्योंकि उन्होंने अपने स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं किया.

लखनऊ के गोमती नगर स्थित आईएमआरटी इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा अतीत हमें बहुत कुछ सिखाता है. महाराणा प्रताप ने अकबर के सैनिकों को दो टूक कहा था कि विदेशी और विधर्मी को हम अपना बादशाह नहीं स्वीकार कर सकते. उन्होंने कहा कि वनवासी समाज आज भी अपने को राणाप्रताप का वंशज मानते हैं.

सीएम ने कहा कि हमारा अतीत ही हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और महाराणा प्रताप के जीवन और शौर्य से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाराणा प्रताप के सामने अकबर का एक संदेश था कि वे उसे अपना बादशाह स्वीकार कर लें. ये संदेश ले जाने वालों में जयपुर के राजा मान सिंह भी थे लेकिन महाराणा प्रताप ने इसे एक बार भी स्वीकार नहीं किया. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद अधर्मी, विदेशी को महाराणा प्रताप ने बादशाह स्वीकार नहीं किया. उस समय अकबर के साथ स्वाभिमान, सम्मान गिरवी रखने वाले राजा भी थे लेकिन महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान, सम्मान को अपने छोटे से राज्य के साथ जीवित रखा. यही कारण है 500 साल बाद भी लोग महाराणा प्रताप को याद कर रहे हैं. अगर उन्होंने अकबर की शर्त मान ली होती तो क्या आज मेवाड़ को हम स्वाभिमान का प्रतीक मान रहे होते. महान अकबर नहीं महान महाराणा प्रताप थे जिन्होंने उस काल मे भी स्वाभिमान सम्मान बनाए रखा.

इस अवसर पर सीएम योगी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने पत्रिका “युवा शौर्य विशेषांक” का विमोचन भी किया.
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