कैराना लोकसभा और फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सियासी दांव पेंच शुरू हो गए हैं. 28 मई को कैराना और फूलपुर में मतदान होना है. चुनाव प्रचार धीरे-धीरे रंग पकड़ता दिख रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री की बागपत में 27 मई को होने वाली जनसभा को लेकर विपक्ष की नजरें टेढ़ी हो गई हैं. विपक्ष का मानना है कि चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने ये जनसभा का पासा फेंका है. इस दौरान बीजेपी कई योजनाओं की घोषणा कर सियासी लाभ लेने की कोशिश करेगी. इसी सोच के साथ राष्ट्रीय लोकदल ने मामले में चुनाव आयोग से दखल देने की मांग की है.

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने 27 मई को बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा व उनके द्वारा किए जाने वाले ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के साथ उक्त जनसभा में की जाने वाली घोषणाओं पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में अनिल दुबे ने कहा कि 28 मई को कैराना लोकसभा का उपचुनाव होना है और कैराना लोकसभा क्षेत्र बागपत से सटा हुआ है. लिहाजा उद्घाटन की तारीख और स्थान अपरोक्ष रूप से कैराना उपचुनाव को प्रभावित करने की दृष्टि से रखा गया है.


अभी से बीजेपी द्वारा कैराना लोकसभा क्षेत्र के ग्रामों में प्रधानमंत्री की रैली के लिए भारी जनसंख्या में बागपत पहुंचने के लिए आह्वान करना शुरू कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि यह भी संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री विभिन्न घोषणाएं, जो कैराना लोकसभा से संबंधित हो सकती हैं, यहां पर कर सकते हैं. ऐसे में कैराना लोक सभा उपचुनाव प्रभावित हो सकता है. रालोद ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कैराना लोकसभा से सटे बागपत जनपद में प्रस्तावित प्रधानमंत्री की जनसभा व उद्घाटन कार्यक्रम व उसमें होने वाली घोषणाओं पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
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