वाराणसी में फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने की घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन और इसके निर्माण का ठेका पाने वाली एजेंसी के बीच दोषारोपण शुरू हो गया है. जिला पुलिस ने आरोप लगाया कि इस निर्माण में उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा. जिला पुलिस ने ही सेतु निगम के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके भारद्वाज ने कहा कि निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के दौरान पता चला कि बिल्डर सुरक्षा मानक नहीं अपना रहे थे. उन्होंने ना तो सही से बैरियर लगाए थे और ना ही सर्विस लेन बनाई थी. निगम के अधिकारियों के खिलाफ फरवरी में भी एक प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
निगम के प्रबंध निदेशक राजन मित्तल ने हालांकि पुलिस के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनके पास वो पांच पत्र हैं जो पुलिस अधीक्षक (यातायात) को नवंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच लिखे गए, जिनमें यातायात नियमन करने तथा क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने के लिए कहा गया था.
मित्तल ने मीडिया से कहा, 'स्थानीय प्रशासन के साथ हुई बैठकों में हमने लगातार यातायात को लेकर अपनी चिन्ता व्यक्त की है और इसे बैठक की कार्यवाही के मिनट्स से देखा जा सकता हैं' उन्होंने आगे कहा कि पहली बात तो यह कि उस क्षेत्र में यातायात की अनुमति ही नहीं दी जानी चाहिए थी. जिले के सभी अधिकारियों को पता था कि वहां यातायात कैसा है और जाम की समस्या कैसी है.
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